91|1|साक्षी है सूर्य और उसकी प्रभा,
91|2|और चन्द्रमा जबकि वह उनके पीछे आए,
91|3|और दिन, जबकि वह उसे प्रकट कर दे,
91|4|और रात, जबकि वह उसको ढाँक ले
91|5|और आकाश और जैसा कुछ उसे उठाया,
91|6|और धरती और जैसा कुछ उसे बिछाया
91|7|और आत्मा और जैसा कुछ उसे सँवारा
91|8|फिर उसके दिल में डाली उसकी बुराई और उसकी परहेज़गारी
91|9|सफल हो गया जिसने उसे विकसित किया
91|10|और असफल हुआ जिसने उसे दबा दिया
91|11|समूद ने अपनी सरकशी से झुठलाया,
91|12|जब उनमें का सबसे बड़ा दुर्भाग्यशाली उठ खड़ा हुआ,
91|13|तो अल्लाह के रसूल ने उनसे कहा, “सावधान, अल्लाह की ऊँटनी और उसके पिलाने (की बारी) से।”
91|14|किन्तु उन्होंने उसे झुठलाया और उस ऊँटनी की कूचें काट डाली। अन्ततः उनके रब ने उनके गुनाह के कारण उनपर तबाही डाल दी और उन्हें बराबर कर दिया
91|15|और उसे उसके परिणाम का कोई भय नहीं
Hindi Quran | कुरान पढ़ो
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