86|1|साक्षी है आकाश, और रात में प्रकट होनेवाला –
86|2|और तुम क्या जानो कि रात में प्रकट होनेवाला क्या है?
86|3|दमकता हुआ तारा! –
86|4|कि हर एक व्यक्ति पर एक निगरानी करनेवाला नियुक्त है
86|5|अतः मनुष्य को चाहिए कि देखे कि वह किस चीज़ से पैदा किया गया है
86|6|एक उछलते पानी से पैदा किया गया है,
86|7|जो पीठ और पसलियों के मध्य से निकलता है
86|8|निश्चय ही वह उसके लौटा देने की सामर्थ्य रखता है
86|9|जिस दिन छिपी चीज़ें परखी जाएँगी,
86|10|तो उस समय उसके पास न तो अपनी कोई शक्ति होगी और न कोई सहायक
86|11|साक्षी है आवर्तन (उलट-फेर) वाला आकाश,
86|12|और फट जानेवाली धरती
86|13|वह दो-टूक बात है,
86|14|वह कोई हँसी-मज़ाक नही है
86|15|वे एक चाल चल रहे है,
86|16|और मैं भी एक चाल चल रहा हूँ
86|17|अत मुहलत दे दो उन इनकार करनेवालों को; मुहलत दे दो उन्हें थोड़ी-सी
Hindi Quran | कुरान पढ़ो
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