Hindi Quran | कुरान पढ़ो

87|1|तसबीह करो, अपने सर्वाच्च रब के नाम की,
87|2|जिसने पैदा किया, फिर ठीक-ठाक किया,
87|3|जिसने निर्धारित किया, फिर मार्ग दिखाया,
87|4|जिसने वनस्पति उगाई,
87|5|फिर उसे ख़ूब घना और हरा-भरा कर दिया
87|6|हम तुम्हें पढ़ा देंगे, फिर तुम भूलोगे नहीं
87|7|बात यह है कि अल्लाह की इच्छा ही क्रियान्वित है। निश्चय ही वह जानता है खुले को भी और उसे भी जो छिपा रहे
87|8|हम तुम्हें सहज ढंग से उस चीज़ की पात्र बना देंगे जो सहज एवं मृदुल (आरामदायक) है
87|9|अतः नसीहत करो, यदि नसीहत लाभप्रद हो!
87|10|नसीहत हासिल कर लेगा जिसको डर होगा,
87|11|किन्तु उससे कतराएगा वह अत्यन्त दुर्भाग्यवाला,
87|12|जो बड़ी आग में पड़ेगा,
87|13|फिर वह उसमें न मरेगा न जिएगा
87|14|सफल हो गया वह जिसने अपने आपको निखार लिया,
87|15|और अपने रब के नाम का स्मरण किया, अतः नमाज़ अदा की
87|16|नहीं, बल्कि तुम तो सांसारिक जीवन को प्राथमिकता देते हो,
87|17|हालाँकि आख़िरत अधिक उत्तम और शेष रहनेवाली है
87|18|निस्संदेह यही बात पहले की किताबों में भी है;
87|19|इबराईम और मूसा की किताबों में

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