82|1|जबकि आकाश फट जाएगा
82|2|और जबकि तारे बिखर जाएँगे
82|3|और जबकि समुद्र बह पड़ेंगे
82|4|और जबकि क़बें उखेड़ दी जाएँगी
82|5|तब हर व्यक्ति जान लेगा जिसे उसने प्राथमिकता दी और पीछे डाला
82|6|ऐ मनुष्य! किस चीज़ ने तुझे अपने उदार प्रभु के विषय में धोखे में डाल रखा हैं?
82|7|जिसने तेरा प्रारूप बनाया, फिर नख-शिख से तुझे दुरुस्त किया और तुझे संतुलन प्रदान किया
82|8|जिस रूप में चाहा उसने तुझे जोड़कर तैयार किया
82|9|कुछ नहीं, बल्कि तुम बदला दिए जाने का झुठलाते हो
82|10|जबकि तुमपर निगरानी करनेवाले नियुक्त हैं
82|11|प्रतिष्ठित लिपिक
82|12|वे जान रहे होते है जो कुछ भी तुम लोग करते हो
82|13|निस्संदेह वफ़ादार लोग नेमतों में होंगे
82|14|और निश्चय ही दुराचारी भड़कती हुई आग में
82|15|जिसमें वे बदले के दिन प्रवेश करेंगे
82|16|और उससे वे ओझल नहीं होंगे
82|17|और तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है?
82|18|फिर तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है?
82|19|जिस दिन कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के लिए किसी चीज़ का अधिकारी न होगा, मामला उस दिन अल्लाह ही के हाथ में होगा
Hindi Quran | कुरान पढ़ो
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